Halala Kya Hai 2023: मौजदा मुस्लिम पर्सनल लॉ के प्रावधानों के मुताबिक अगर किसी मुस्लिम महिला का तलाक हो चुका है और वह उसी पति से दोबारा निकाह करना चाहती है, तो उसे पहले किसी और शख्स से शादी कर एक रात गुजारनी होती है। इसे निकाह Halala कहते हैं।
इसके बाद उस दूसरे शख्स से तलाक लेना होता है। ऐसा होने के बाद ही वो अपने पहले पति के साथ दोबारा शादी करके रह सकती है। इस्लामिक स्कॉलर्स के मुताबिक Halala के इस नियम को मौलवियों ने अपने मर्जी से तोड़ा-मरोड़ा है।

एक्सपर्ट्स के मुतिबक Halala इस्लाम में हराम है। अगर कोई पति अपनी पत्नी को पूरी तलाक (तलाक-ए-मुगल्लज़ा) यानी तीन तलाक दे देता है तो अब पति अपनी उस बीवी से दोबारा शादी नहीं कर सकता। यहां भी तीन तलाक तीन महीने में दिए जाए या एक ही बार में तीन तलाक दे दिए गए हों। इसके बाद अब ये पुरुष और महिला किसी दूसरे से शादी करने को आज़ाद हैं।
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Halala Kya Hai | Halala kya hai in hindi
महिला ने किसी दूसरे शख्स से शादी की और फिर उससे तलाक हो गया या पति मर गया तो अब महिला फिर से किसी दूसरे शख्स से शादी करने को आज़ाद है और अब औरत अपने पहले पति से भी शादी कर सकती है। इसमें शर्त ये भी रखी कि ये महज़ इत्तेफाक़ होना चाहिए। यानी कोई महिला जानबूझकर दूसरे शख्स से शादी करे और फिर तलाक लेकर पहले पति से शादी करना चाहे तो ऐसा नहीं हो सकता और इसे हराम माना जाता है।
यही से शुरू होता है मौलवियों का खेल पति ने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया और फिर उस औरत से दोबारा शादी करना चाहता है तो मौलाना Halala की सलाह देते हैं। कई मुस्लिम देशों ने इस अमानवीय प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन भारत, पाकिस्तान, ब्रिटेन और कुछ अन्य देशों में ये प्रथा अभी भी प्रचलित है। फिलहाल तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की देश प्रतीक्षा कर रहा है।
हलाला क्या होता है और कैसे किया जाता है?
हलाला यानी ‘निकाह हलाला’ एक ऐसी प्रथा जिसमें अगर मुस्लिम पति अपनी पत्नी को तलाक देता है तो उसे अपनी पत्नी से दोबारा शादी करने के लिए या अगर पत्नी अपने पति से दोबारा शादी करना चाहती है तो औरत को ‘Halala’ करना होगा। शरिया के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति ने अपनी बीवी को तीन बार तलाक दे दिया और वो दोनों अलग हो गए। बाद में अगर पति को अपने फैसले पर पछतावा होता है और वो अपनी बीवी से दोबारा शादी करना चाहता है तो वो बिना ‘हलाला’ के शादी नहीं कर सकता।
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‘हलाला’ के लिए पत्नी को पहले किसी दूसरे मर्द से शादी करनी होगी और न सिर्फ शादी करनी होगी बल्कि दूसरे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध भी बनाना होंगे उसके बाद जब दूसरा व्यक्ति औरत को तलाक दे देगा उसके बाद ही वो अपने पहले पती से निकाह कर सकती है। ‘Halala’ के बाद ही उसके पहले पति से उसका दोबारा निकाह मुकम्मल माना जाएगा। हलाला होने की पूरी प्रक्रिया ‘हुल्ला’कहलाती है।
हलाला कैसे होता है?
इस्लाम के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति पहली बार अपनी पत्नी को तलाक देता है तो उसे तीन माह पत्नी के साथ ही रहना होता है। अगर इन तीन महीनों में उनके बीच कोई रिश्ता ना बने। उनकी सुलह न हो तो महिला आजाद होती है। वह अपने शौहर या फिर किसी और व्यक्ति से निकाह कर सकती है।
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दूसरी बार तलाक देने पर यही नियम है, लेकिन तीसरी बार तलाक देने का मतलब है कि अब महिला किसी भी शर्त पर उसके साथ नहीं रह सकती। ऐसे में वह किसी और के साथ अपना घर बसा सकती है, लेकिन अगर कभी ऐसी स्थिति आई कि दूसरे शौहर से अलग हुई तो महिला चाहे तो पहले शौहर से निकाह कर सकती है, लेकिन उस पर कोई दबाव नहीं है।
हलाला से सम्बंधित जुड़े प्रश्न
हलाला क्या होता है कैसे किया जाता है?
हनफी के तहत अगर किसी पुरुष ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया और वह उससे फिर से निकाह करना चाहता है तो उसे Halala कराना होता है। Halala यानी महिला का किसी दूसरे पुरुष से निकाह होने के बाद तलाक होता है और फिर तीन महीने की इद्दत पूरी करने के बाद वह अपने पहले शौहर से निकाह कर सकती है।
हलाला कितने दिन का होता है?
हलाला का जो मौजूदा रूप है, उसकी इस्लाम में कोई गुंजाइश नहीं है। इस्लाम के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति पहली बार अपनी पत्नी को तलाक देता है तो उसे तीन माह पत्नी के साथ ही रहना होता है। अगर इन तीन महीनों में उनके बीच कोई रिश्ता ना बने। उनकी सुलह न हो तो महिला आजाद होती है।
महिलाओं का हलाला क्या है?
हलाला एक रस्म है और Halala उन औरतों के लिए होता है जो एक बार अपने पति से तलाक लेने के बाद अपने हालातो के चलते या किसी कारण वश फिर से अपने पति से निकाह करना चाहती है तो ऐसे में उन्हे Halala का पालन करना पड़ता है। इस रस्म को निकाह हलाला के नाम से भी जाना जाता है।